चुंबकीय रिले क्या है | Magnetic Relay kya hai in hindi

  चुंबकीय रिले क्या है ? | What is Magnetic Relay in hindi ?

आज हम सभी जानेंगे कि रिले क्या होती है (Magnetic Relay kya hai in hindi ?)  रिले का कार्य सिध्दांत  रिले के प्रकार . रिले की विशेषताए इत्यादि के बारे में भी जानेंगे |

चुंबकीय रिले(Magnetic Relay)

विद्युत्  एवं इलेक्ट्रॉनिक परिपत्रों को स्वचालित रूप से OFF या ON करने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली विद्युत चुंबकीय युक्ति को  ‘चुंबकीय रिले’ कहा जाता है | 

मैग्नेटिक रिले एक विद्युत कुंजी या स्विच है जिसका कार्य एक विद्युत् परिपथ से दूसरे विद्युत परिपथ के द्वारा खोली या बंद की जाती है | यह  मुख्य परिपथ से विलगित या  असम्बद्ध (Isolated) होती है। रिले की एक या एक से अधिक कुंजियाँ एक विद्युत चुम्बक की सहायता से OFF या ON होती हैं । रिले को भी एक सामान्यीकृत विद्युत प्रवर्धक (Amplifier) माना जा सकता है, क्योंकि रिले के  द्वारा  कम शक्ति वाले परिपथ की सहायता से एक अपेक्षाकृत अधिक शक्ति वाले परिपथ को नियंत्रित किया जाता है। विद्युत् कान्टैक्टर भी रिले के सिद्धांत पर ही काम करता है किन्तु प्राय: 15 amp से अधिक धारा वाले कान्टेक्ट को OFF/ON करने के लिए प्रयुक्त होता है।

चुंबकीय रिले क्या है | Magnetic Relay kya hai in hindi

 

क्या आप जानते है कि रिले (Relay) किस सिद्धांत पर कार्य करती है ?

रिले का कार्य सिद्धांत (Relay working principle)

प्रत्येक रिले (Relay) में एक चुम्बकीय परिपथ होता है | जब किसी बंद परिपथ (Closed circuit) में विद्युत् प्रवाहित कराई जाती है | परिपथ के चारों तरफ एक चुम्बकीय क्षेत्र ( Magnetic Field) बन जाता है | जो किसी भी लोहे की वस्तु को अपनी ओर आकर्षित करता है |  इसी सिद्धांत के आधार पर रिले  का उपयोग किया जाता है जब रिले  की coil को विद्युत् सप्लाई दी जाती है तब रिले के अन्दर लगी पत्ती (Armature) को NC से हटाकर NO पर चिपका देती है और विद्युत् धारा आगे की तरफ लगे परिपथ में प्रवाहित होने लगती है |

 

चुंबकीय रिले क्या है | Magnetic Relay kya hai in hindi

 

यह एक करंट नियंत्रण युक्ति है | इसमें मुख्यतः एक 6V/12V/24V  DC क्वायल आयरन कोर  NO एवं NC संयोजक होते हैं |

NC  और NO का क्या मतलब होता है ?

NC – Normally Closed (बंद परिपथ)

जब रिले  की कॉइल्स  को विद्युत् सप्लाई  नहीं मिलती है तब Normally Closed (NC) होती है।

NO – Normally Open (खुला परिपथ )

जब रिले  की कॉइल्स  को विद्युत् सप्लाई  मिलती है तब Normally Open (NO) होती है।

 NO तथा  NC संयोजकों की संख्या आवश्यकतानुसार घटाई या बढ़ाई जाती है |  क्वायल को नियंत्रक सिग्नल सीधे ही परिपथ में प्रदान किया जाता है | जैसे ही नियंत्रक सिग्नल की करंट कमान पूर्व निर्धारित मान तक पहुंच जाता है विद्युत चुंबक पूर्ण रूप से  उत्तेजित हो जाता है | विद्युत चुंबक आयरन कोर को आकर्षित करती है और NO तथा  NC   संयोजक आवश्यकतानुसार परिपथो को OFF या ON कर देते हैं |

मैग्नेटिक रिले के प्रकार (Types of Magnetic Relay):

पोलों की संख्या के अनुसार( According to number of of poles)

  • एक पोल, 
  • दो  या दो से अधिक पोल वाले रिले

कार्य सिद्धान्त के अनुसार( According to working principle)

  • विद्युत चुम्बकीय रिले
  • अर्धचालक आधारित रिले (सेमीकण्डटर रिले या सॉलिड-स्टेट रिले)

सम्पर्क के अनुसार (According to contact)

  •  ON (NC)  या OFF (NO)

क्वायल के अनुसार(According to coil)

  • 5 V DC, 12 V DC, या 24 V DC आदि से चलने वाली
  • 110 V AC, या 220 V AC आदि से चलने वाली रिले 

 चुंबकीय रिले की विशेषताएं (Characteristics of Magnetic Relay)

  • चुंबकीय रिले की सहायता से किसी वैद्युत या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को रिमोट कंट्रोल के द्वारा भी प्रचलित किया जा सकता है |
  • चुंबकीय रिले का उपयोग वोल्टेज स्टेबलाइजर, वोल्टेज रेगुलेटर, मशीनों के कंट्रोल सर्किट, रिमोट कंट्रोल से प्रचलित उपकरणों, रेफ्रिजरेटर, टेलीफोन एक्सचेंज रिसीवर, ट्रांसमीटर इत्यादि अनेक प्रकार के उपकरणों में किया जाता है | 
  • यह युक्ति निर्धारित वोल्टेज 6V/12V/24V पर प्रीसेट करंट मान पर ही कार्य करती है, उससे कम पर बिल्कुल नहीं |
  • चुंबकीय रिले  के द्वारा इलेक्ट्रॉनिक या विद्युत उपकरण को निम्न वोल्टेज पर ही  ON  या OFF  किया जा सकता है | यह  ऑपरेटर के लिए बहुत सुरक्षित होता है  |

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