सिखाने की विधियां (Methods of teaching in hindi )
वर्तमान समय में शिक्षण एवं प्रशिक्षण कार्य में सिखाने की कई सारी विधियां अपनाई जाती हैं | इन विधियों से विद्यार्थियों एवं प्रशिक्षणार्थियों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त होता है | सिखाने की विधियां (Methods of teaching ) सभी शिक्षण संस्थानों जैसे विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, कॉलेज, स्कूल, ITI, CITS इत्यादि में उपयोगी सिद्ध होती है | किसी कार्य को करने की कई विधियां होती हैं | इन सभी विधियों से कम समय में, आसानी से किसी भी विषय वस्तु को समझाना बहुत सरल होता है और इसके द्वारा शिक्षण उद्देश्यों की पूर्ति होती है |
सीखने व सिखाने की विधियां (Methods of teaching in hindi) निम्नलिखित प्रकार से हैं :
- भाषण विधि (Lecture method)
- प्रदर्शन विधि (Demonstration method)
सिखाने की विधियां (Methods of teaching)
वर्तमान समय में शिक्षण एवं प्रशिक्षण कार्य में सिखाने की कई सारी विधियां अपनाई जाती हैं | इन विधियों से विद्यार्थियों एवं प्रशिक्षणार्थियों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त होता है | इन सभी विधियों से कम समय में, आसानी से किसी भी विषय वस्तु को समझाना बहुत सरल होता है और इसके द्वारा शिक्षण उद्देश्यों की पूर्ति होती है | सिखाने की विधियां (Method of teaching) सभी शिक्षण संस्थानों जैसे विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, कॉलेज, स्कूल, ITI, CITS इत्यादि में उपयोगी सिद्ध होती है | किसी कार्य को करने की कई विधियां होती हैं |
सीखने व सिखाने की विधियां (Method of teaching) निम्नलिखित प्रकार से हैं :
- भाषण विधि (Lecture method)
- प्रदर्शन विधि (Demonstration method)
- विचार विमर्श (Discussion method)
- विधि व्यक्तिगत विधि (Tutorial method)
- मुख्य और सीधी विधि (Main and directive method)
भाषण विधि (Lecture method)
लेक्चर विधि में अधिकतर उच्च श्रेणी के विश्वविद्यालयों के छात्रों को पढ़ाने के लिए प्रयोग में लाई जाती है इसमें शिक्षक या अनुदेशक द्वारा किसी विषय पर भाषण द्वारा पढ़ाया जाता है |
भाषण विधि के लाभ
- कम समय में अधिक पढ़ाया जा सकता है |
- कई लोगों को एक साथ पढ़ाया जा सकता है |
भाषण विधि के दोष
- कक्षा की क्रियाशीलता कम होती है |
- ज्ञानेंद्रियों में केवल कान का उपयोग होता है |
प्रदर्शन विधि (Demonstration method)
तकनीकी शिक्षा में कार्य कौशल का बहुत अधिक महत्व होता है | कार्य कौशल को सिखाने के लिए प्रदर्शन विधि उपयुक्त मानी जाती है | इस विधि में प्रशिक्षक या अनुदेशक, कार्य को कैसे किया जाता है उसे दिखाकर या प्रदर्शन करके प्रशिक्षु को सिखाता है |
विचार विमर्श (Discussion method)
पढ़ाते समय कभी-कभी इस विधि का प्रयोग भी किया जाता है यह विधि कभी-कभी हितकर सिद्ध होती है परंतु इससे कक्षा का अनुशासन खराब भी हो सकता है इस विधि में प्रशिक्षक या अनुदेशक द्वारा कोई विषय प्रशिक्षणार्थियों को दिया जाता है जिस पर भी विचार विमर्श करते हैं |
विचार विमर्श विधि के लाभ
- कक्षा की क्रियाशीलता बनी रहती है |
- संसय और गलत धारणाओं का समाधान करने के लिए यह विधि उपयोगी होती है |
विचार विमर्श विधि की हानियां
- संशय का समाधान करने करते समय विषय क्षेत्र में रहना कठिन होता है |
- कक्षा को विषय का अधिक ज्ञान होना आवश्यक होता है |
- इससे समय का दुरुपयोग होता है |
विधि व्यक्तिगत विधि (Tutorial method)
यह विधि कक्षा के बाहर पढ़ाने के लिए उपयोगी होती है | कक्षा में कभी-कभी समझ में न आने पर प्रशिक्षणार्थी को अनुदेशक कक्षा से बाहर भी पढाता है इसे व्यक्तिगत पढ़ाई विधि कहते हैं | यह विधि पिछड़े हुए प्रशिक्षणार्थियों के लिए अधिक सहायक होती है | इस विधि के लिए प्रशिक्षणार्थियों की संख्या सीमित होनी चाहिए |
मुख्य और सीधी विधि (Main and directive method)
समय से संबंधित प्रशिक्षण में यह विधि प्रयोग में लाई जाती है पाठ्यक्रमों को पाठ में विभाजित कर पढ़ाना ही सीधी विधि कहलाती है | समय से पाठ्यक्रम पूरा करने में यह विधि उपयोगी होती है |