ITI वेल्डर (ITI welder) क्या हैं ?

मित्रों ITI वेल्डर (ITI welder) के बारे में जानने से पहले आपको वेल्डर (Welder) के बारे में जानना चाहिए |

ITI वेल्डर (ITI welder) क्या हैं ?

वेल्डर एक पेशेवर होता है जो वेल्डिंग (जोड़ाई या वेल्डिंग) का कार्य करता है। वेल्डिंग एक प्रक्रिया होती है जिसमें दो धातु को विभिन्न वैल्डिंग तकनीकी से आपस में जोड़े जाते हैं ताकि वे एक ही टुकड़े में जुड़ सकें। यह प्रक्रिया मेटल्स को जोड़कर एक साथ रखने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग करती है, जैसे कि वेल्डिंग रॉड्स, वेल्डिंग मशीन, और ऊष्मा। वेल्डर विभिन्न प्रकार की वेल्डिंग तकनीकों का ज्ञान रखते हैं और विभिन्न प्रकार के प्रोजेक्ट्स में वेल्डिंग काम करते हैं, जैसे कि मेटल स्ट्रक्चर, पाइपलाइन्स, और अन्य जगह। वेल्डर विभिन्न प्रकार की वेल्डिंग तकनीकों का अभ्यास करते हैं, जैसे कि आर्क वेल्डिंग, मिग वेल्डिंग, टिग वेल्डिंग, आदि।

वेल्डर बनने के लिए क्या करना चाहिए ? (ITI welder course)

ITI welder course : ITI Welder का मतलब होता है “Industrial Training Institute Welder”, ITI Welder एक प्रकार का व्यावासिक प्रशिक्षण होता है जिसमें विभिन्न प्रकार की वेल्डिंग तकनीकों का अध्ययन किया जाता है, और यह व्यक्तिओं को एक पेशेवर वेल्डर के रूप में कार्य करने के लिए तैयार करता है। ITI Welder course राज्य और केंद्र सरकार द्वारा संचालित किए जाते हैं, जिनमें आप विभिन्न प्रकार के मेटल्स जैसे कि स्टील, आयरन, एल्यूमिनियम, ब्रास, आदि को वेल्ड करने की तकनीकें सीख सकते हैं।

ITI welder course की अवधि : 1 वर्ष

ITI Welder व्यवसाय से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, आप विभिन्न उद्योगों में वेल्डर के रूप में नौकरी पा सकते हैं, जैसे कि मैन्यूफैक्चरिंग, कन्स्ट्रक्शन, ऑटोमोटिव, नौकायन, आदि। आपके पास ITI Welder के बाद वेल्डिंग क्षेत्र में अच्छा ज्ञान होता है, और यह आपको एक आच्छादित पेशेवर के रूप में काम करने की क्षमता प्रदान करता है।

ITI (Industrial Training Institute) में वेल्डर के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, आप वेल्डिंग क्षेत्र में कार्य कर सकते हैं। आमतौर पर वेल्डर का कार्य वेल्डिंग मशीन की सहायता से धातुओं को एक साथ जोड़ना होता है। इसके लिए वेल्डर को विभिन्न तरीकों की वेल्डिंग प्रक्रियाओं का ज्ञान होता है, जैसे कि आर्क वेल्डिंग, मिग वेल्डिंग, टिग वेल्डिंग, इत्यादि।

वेल्डर विशेष रूप से निम्नलिखित कार्यों को करता है:

  1. धातुओं के टुकड़ों को जोड़ना या बंधना।
  2. वेल्डिंग मशीनों की निरीक्षण और देखभाल करना।
  3. सुरक्षा नियमों का पालन करना, ताकि कोई अपात स्थिति न हो।

वेल्डर एक महत्वपूर्ण और डिमांडिंग पेशेवर व्यवसाय क्षेत्र है और यदि आपके पास इस क्षेत्र में ITI की पढ़ाई है, तो आपको उच्च गुणवत्ता वाले वेल्डिंग कार्य के लिए तैयार किया गया होता है। यह आपके लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ा सकता है, जैसे कि विभिन्न निर्माण परियोजनाओं, ऑटोमोटिव उद्योग और अन्य उद्योगों में।

वेल्डिंग के प्रकार (Types of welding)

वेल्डिंग (Welding) कई प्रकार की तकनीकों का उपयोग करके दो या दो से अधिक मेटल्स को जोड़ने की प्रक्रिया है। यहाँ पर कुछ प्रमुख वेल्डिंग के प्रकार दिए गए हैं:

  • आर्क वेल्डिंग (Arc Welding): इसमें एक विद्युत आर्क का उपयोग होता है जो दो वेल्डिंग रॉड्स के बीच बनता है और जोड़ को बनाने में मदद करता है। आर्क वेल्डिंग कई प्रकार की हो सकती है, जैसे कि शील्डेड मेटल आर्क वेल्डिंग (SMAW), मेटल इनर्ट गैस वेल्डिंग (MIG), और टंगस्टन इनर्ट गैस वेल्डिंग (TIG)।
  • गैस वेल्डिंग (Gas Welding): इसमें एक गैस फ्लेम का उपयोग होता है जिससे मेटल्स को जोड़ने के लिए उच्च तापमान पर काम किया जाता है।
  • लेजर वेल्डिंग (Laser Welding): इस प्रकार की वेल्डिंग में लेजर की बेम का उपयोग किया जाता है जो बहुत ही तेज़ और प्रेसाइसन होती है।
  • इलेक्ट्रान बीम वेल्डिंग (Electron Beam Welding): इस प्रकार की वेल्डिंग में एक गैस में विद्युत बीम का उपयोग किया जाता है जो वेल्डिंग सर्कल की बीच में पास होती है।
  • रेसिस्टेंस वेल्डिंग (Resistance Welding): इसमें वेल्डिंग के लिए विद्युत प्रवाह का उपयोग किया जाता है और वेल्डिंग के लिए विशेष रोड्स का उपयोग होता है।
  • प्लाज्मा वेल्डिंग (Plasma Welding): इसमें एक प्लाज्मा गैस का उपयोग होता है जो मेटल्स को जोड़ने के लिए उच्च तापमान पर बनता है।
  • स्पॉट वेल्डिंग (Spot Welding): यह तकनीक छोटे स्पॉट्स पर वेल्डिंग के लिए उपयोग होती है, जैसे कि कार की बॉडी बनाने में।
  • स्टड वेल्डिंग (Stud Welding): इसमें वेल्डिंग के लिए एक स्टड (धुरा) को सीधे या उलटे हुए सतह पर वेल्ड किया जाता है।

इनमें से प्रत्येक वेल्डिंग प्रकार विशेष उद्देश्यों और आवश्यकताओं के आधार पर चयन किया जाता है।

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