मित्रों आज हम सभी चिपिंग ऑपरेशन (Chipping Operation ) के बारे में जानेंगे |
चिपिंग ऑपरेशन (Chipping Operation)
धातु की सतह से, धातु की मोटी या पतली परत को चिप्स के रूप में काटकर हटाने की संक्रिया को चिपिंग ऑपरेशन (Chipping Operation ) कहते है | चिपिंग ऑपरेशन करने के लिए चीजल कटिंग टूल का प्रयोग किया जाता है | चिपिंग करते समय चीजल को एक हाथ से पकड़कर धातु की सतह पर लगभग 40° के कोण में रख कर धातु को काटना चाहिए | साधारण कार्यो के लिए चिपिंग कोण लगभग 60° होता है |
चीजल के कोण (Angle of chisel)
- रेक कोण (Rake Angle)
- अवकाश कोण (Clearance Angle)
- कर्तन कोण (Cutting Angle)
रेक कोण (Rake Angle)
रेक कोण, कर्तन नोंक के ऊपरी फलक एवं कर्तन धार की कार्य सतह के लम्ब के मध्य का कोण होता है | यह कोण चिपिंग संक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है |
अवकाश कोण (Clearance Angle)
अवकाश कोण, कर्तन नोंक के निचले फलक एवं कर्तन धार से प्रारम्भ होकर जॉब से स्पर्श रेखा के मध्य का कोण होता है|
यदि अवकाश कोण बहुत कम (नगण्य ) हो तो रेक कोण बढ़ता है , ऐसा होने पर चीजल जॉब में न घुसकर, जॉब की सतह पर फिसलेगी और चिपिंग संक्रिया नही हो पायेगी | ठीक इसी के विपरीत, यदि अवकाश कोण बहुत अधिक हो तो रेक कोण का मान घटता है , ऐसा होने पर चीजल जॉब में घुस जाएगी और गहरे गढ्ढे बनाएगी | इसलिए जॉब पर चिपिंग संक्रिया करने के लिए उचित कटिंग कोण का होना आवश्यक है |
कारीगर, सदैव कटिंग कोण को ध्यान में रख कर ही कटिंग या चिपिंग कार्य पूर्ण करता है |
कर्तन कोण (Cutting Angle)
विभिन्न प्रकार की छेनियों (chisels) के अलग-अलग धातुओं के लिए कर्तन कोण :-
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