धातुओं के यांत्रिक गुण (Mechanical properties of metals) क्या होते हैं ?

धातुओं के यांत्रिक गुण (Mechanical properties of metals)

मित्रों, आज हम धातुओं के यांत्रिक गुण (Mechanical properties of metals) के बारे में विस्तृत चर्चा करेंगे ।

धातुओं के गुण (Properties of Metals)

जैसा की आप जानते है कि धातु, खदानों से निकाले गए अयस्कों (Ores) से प्राप्त जाती है | खनिज पदार्थ जब खदानों से निकाले जाते हैं तो उसमें धातु के साथ-साथ मिट्टी और अन्य प्रकार की अशुद्धियां भी होती हैं | खनिज पदार्थों से धातु प्राप्त करने के लिए सबसे पहले धातु के अयस्क में उपस्थित अशुद्धियों को दूर किया जाता है | किसी भी वस्तु के निर्माण में धातुओं के गुण (Properties of Metals) की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं ।

धातुओं के यांत्रिक गुण (Mechanical properties of metals) क्या होते हैं ?

धातुओं के गुण के प्रकार (Types of metals properties)

धातुओं के गुण के प्रकार (Types of metals properties) निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं ।

  1.  भौतिक गुण
  2.  यांत्रिक गुण
  3.  रासायनिक गुण

भौतिक गुण (Physical Properties)

 धातु के भौतिक गुण (Physical Properties) प्राकृतिक अवस्था में होते हैं  | भौतिक गुणों के कारण ही किसी धातु की पहचान करना आसान होता है | यह धातु के गुण में स्थाई रूप से पाए जाते हैं |

भौतिक गुण निम्नलिखित प्रकार के होते हैं |

  • रंग
  • भार
  • रचना
  • चुंबकीयता
  • गलनीयता
  • विशिष्ट भार
  • ताप और विद्युत की चालकता
रंग (Colour)

प्रत्येक धातु का कोई न कोई रंग होता है | जैसे एलुमिनियम सफेद तथा पीतल पीले रंग का होता है |

भार (Weight) 

प्रत्येक धातु का भार अलग-अलग होता है | धातुओं में एलुमिनियम सबसे हल्का तथा पारा और सीसा भारी होता है |

रचना (Structure)  

धातुओं को तोड़कर देखा जाए तो उनके बीच की बनावट भिन्न-भिन्न प्रकार की होती है | जैसे कास्ट आयरन की क्रिस्टलाइन और स्टील के भीतर की बनावट ग्रेन्यूलर तथा रॉट आयरन की फाइबर रेशे जैसी होती है |

चुंबकीयता (Magnetic)

धातु के इस गुण के कारण चुंबक, धातु को अपनी ओर आकर्षित करता है | चुंबक, फेरस धातुओं को ही अपनी ओर आकर्षित करता है | इससे यह पता चलता है कि कौन सी धातु फेरस है और कौन सी धातु नॉन फेरस है ।

विशिष्ट भार (Specific Gravity)

जब किसी पदार्थ के भार की तुलना उसके  समान आयतन के पानी के भार से की जाती है तो उसे विशिष्ट भार कहा जाता है | सोने का विशिष्ट भार 19.26 और एलुमिनियम का विशिष्ट भार 2.67 होता है |

 गलनीयता (Fusibility)

यह धातु का वह गुण होता है, जिसमें धातु निश्चित तापमान पर पिघल कर द्रव के रूप में बन जाती है | प्रत्येक धातु का गलनांक अलग-अलग होता है | जैसे तांबे का गलनांक 1083°C तथा टिन का गलनांक 230°C  तक होता है |

ताप और विद्युत्  की चालकता (Conductivity of heat and electricity) 

यह धातु का वह गुण है जिससे धातुओं में ताप और विद्युत आसानी से एक सिरे से दूसरे सिरे तक पहुंच जाती है इन्हें सुचालक कहते हैं |

धातुओं के यांत्रिक गुण (Mechanical Properties of Metals)

विभिन्न प्रकार के बलों के प्रभाव में धातु की प्रतिक्रिया को दर्शाने वाले गुणधर्म धातुओं के यांत्रिक गुण कहलाते हैं | इंजीनियरिंग में धातुओं के यांत्रिक गुणों का गहन अध्ययन किया जाता है क्योंकि किसी भी मशीन की सफलता इन्हीं गुणों पर आधारित होती है |

यांत्रिक गुण (Mechanical Properties)

धातुओं के यांत्रिक गुण (Mechanical properties of metals): प्रत्येक धातु में कुछ यांत्रिक गुण होते हैं, परंतु धातुओं में अन्य मिश्र धातुएं(Alloy Metals) मिलाकर अन्य उपयोगी यांत्रिक गुण भी उत्पन्न किए जा सकते हैं जिससे वस्तुओं (Products) की गुणवत्ता बढ़ जाती है |

धातुओं के यांत्रिक गुण (Mechanical properties of metals) गुण निम्न प्रकार हैं:-

  • कठोरता  (Hardness)
  • चीमड़पन   (Toughness)
  • भंगुरता (Brittleness)
  • तन्यता (Ductility)
  • आघातवर्धनीयता (Malleability)
  • प्रत्यास्थता (Elasticity)
  • प्लास्टिकता (Plasticity)
  • तनन सामर्थ्य (Tensile Strength)
  • मशीनन योग्यता (Machinability)
  • दृढ़ता  या  लगिष्णुता (Tenacity)
 कठोरता (Hardness)

धातुओं का वह गुण जिसके कारण वे घिसने, कटने व  खुरचने का विरोध करती हैं, कठोरता” कहलाती है | कुछ धातुए बहुत मुलायम(Soft) होती हैं, जिन्हें आसानी से कांटा या खुरचा  जा सकता है, जैसे टिन, लेड  इत्यादि जबकि कुछ धातुए बहुत कठोर(Hard) होती हैं जिन्हें आसानी से काटा जा खुरचा नहीं जा सकता है,  जैसे लोहा, टाइटेनियम इत्यादि

  चीमड़पन (Toughness)

धातु का वह गुण जिसके कारण वह चोट या झटके को सहन कर सकती हैं तथा मोड़ने, तोड़ने या मरोड़ने पर आसानी से टूटती नहीं है, धातुओं का चीमड़पन” कहलाता है, जैसे तांबा, सोना, टंगस्टन इत्यादि |

भंगुरता (Brittleness)

धातुओं का वह गुण जिसके कारण वे चोट या प्रहार  करने पर दो या दो से अधिक टुकड़ो में विभक्त हो जाती हैं,भंगुरता” कहलाती है, जैसे कास्ट आयरन पर चोट लगाई जाए तो यह धातु टुकड़े-टुकड़े में विभक्त हो  जाती है |

 तन्यता (Ductility)

धातुओं का वह गुण जिसके कारण धातुओं को खींचकर तार बनाए जा सकते हैं, वह “तन्यता” कहलाती है | लगभग सभी धातुओं के तार बनाए जा सकते हैं, जैसे तांबा, पीतल, एलमुनियम, आयरन, सोना, चांदी, प्लेटिनम इत्यादि जिस धातु का जितना अधिक पतला तार बनाया जा सकता है, वह धातु उतनी ही तन्य होती है |

धातुओं के यांत्रिक गुण (Mechanical properties of metals) क्या होते हैं ?
 आघातवर्धनीयता  (Malleability)

धातुओं का वह गुणधर्म जिसके कारण वे चोट पड़ने पर या रोलिंग करने पर फैलती है, “आघातवर्धनीयता” कहलाती है | इसी गुणधर्म का उपयोग कर धातु केबल को चादर में परिवर्तित किया जा सकता है | सोना सबसे अधिक आघातवर्धनीय होता है |

धातुओं के यांत्रिक गुण (Mechanical properties of metals) क्या होते हैं ?

प्रत्यास्थता (Elasticity)

जब किसी धातु पर बल लगाया जाता है तो परिणाम स्वरूप उस धातु के आकार में परिवर्तन आ जाता है, परंतु वह जब लगाये गये बल को  हटाया जाता है तो धातु अपना पूर्व आकार प्राप्त कर लेती है, इस गुण को “प्रत्यास्थता” कहते हैं | इसी  गुण का उपयोग कर धातुओं के स्प्रिंग बनाए जाते हैं  |

प्लास्टिकता (Plasticity)

धातु का वह गुण जिसके कारण धातु पर बल लगाए जाने पर उसके आकार में परिवर्तन हो जाता है परंतु बल को हटाने पर वह अपनी प्रारंभिक अवस्था में अंशत: ही आ पाता है, अर्थात आकार में कुछ स्थाई परिवर्तन हो जाता है. “प्लास्टिकता” का गुण कहलाता है, जैसे प्लास्टिक, एलुमिनियम, तांबा इत्यादि |

धातुओं के यांत्रिक गुण (Mechanical properties of metals) क्या होते हैं ?
मशीनन योग्यता (Machineability)

धातु का वह गुण जिसके कारण धातु से बने जॉब को कटिंग टूल से आसानी से काटा जा सकता है या मशीनिंग क्रिया को आसानी से किया जा सके, धातु की “मशीनन योग्यता” कहलाती है, जैसे लो कार्बन स्टील, माइल्ड स्टील, कॉपर, एलमुनियम इत्यादि |

धातुओं के यांत्रिक गुण (Mechanical properties of metals) क्या होते हैं ?
तनन सामर्थ्य (Tensile Strength)

धातु का वह गुण जिसके कारण वह अपनी आकृति एवं अवस्था में परिवर्तन किए बिना ही बाहरी बलों को सहन करने की क्षमता रखती हो, तनन सामर्थ्य” कहलाती है  | जिस धातु की सामर्थ्य अधिक होगी वह बाहरी बल को भी अधिक सहन कर सकता है, जैसे इस्पात की सामर्थ्य  अलुमिनियम और तांबे से ज्यादा होती है |

 दृढ़ता  या  लगिष्णुता (Tenacity)

धातु का वह गुण जो बल लगाने पर उत्पन्न खिंचाव को सहन कर ले और टूटे नहीं दृढ़ता” कहलाता है | जिस धातु की तनाव सहन करने की क्षमता अधिक होती है उसकी दृढ़ता अधिक होती है |

निष्कर्ष :-

मित्रों आप ने धातु के सभी गुणों जैसे भौतिक और रासायनिक तथा धातु के यांत्रिक गुणों (Mechanical Properties of Metals or mechanical properties of solids class 11 notes) के बारे में जानकारी प्राप्त किया | यह लेख आप के आगामी प्रतियोगी परीक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे |

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