What is earthing in electricity

 अर्थिंग या भू-संयोजन क्या है ? | What is earthing in electricity ?

यदि आप इलेक्ट्रिकल व्यवसाय से सम्बंधित विषय की पढाई कर रहे है तो आपने  भू-संयोजन  या अर्थिंग के बारे में अवश्य ही सुना होगा, यदि नहीं तो आज हम सभी जानेंगे कि अर्थिंग या भू-संयोजन क्या होती है और  इसकी दैनिक जीवन में क्या उपयोगिता होती है तथा अर्थिंग या भू-संयोजन का क्या लाभ है ?

What is earthing in  electricity ?

अर्थिंग (Earthing)

‘अर्थ’ वह साधन या युक्ति  है जो विद्युत चलित उपकरण / मशीन आदि में फेज के तार के उसके धात्विक आवरण से स्पर्श कर जाने की स्थिति में किसी भी जीव या मनुष्य को विद्युत झटके से बचाता है | ‘अर्थ’ संयोजन का प्रतिरोध बहुत कम होता है इसलिए लेकर धारा पृथ्वी में चली जाती है| किसी भी धात्विक उपकरण या मशीन के धातु के हिस्से में तार लगाकर हम उसे अर्थ इलेक्ट्रोड और अर्थ प्लेट से जोड़ते हैं, इसे अर्थिंग या भू-संयोजन  या भू-सम्पर्क या ग्राउंडिंग कहते है।

‘अर्थ’ की स्थापना मनुष्य के जीवन, भवन एवं मशीनों की सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं | इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सभी विद्युत चालित मशीनों उपकरणों स्टार्टर में स्विच इत्यादि के धात्विक आवरण को अर्थ से जोड़ा जाता है

अर्थिंग के प्रकार (Type of earthing) 

अर्थिंग मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं |

  1. प्लेट अर्थिंग (Plate Earthing) 
  2. नलिका अर्थिंग (Pipe Earthing)

प्लेट अर्थिंग(Plate earthing)

अर्थिंग की आवश्यक सामग्री

  1. अर्थिंग ताबे की प्लेट 60सेमी*60सेमी
  2. तांबे की प्लेट की मोटाई 3.15 मिमी तथा G.I. प्लेट 6.3 मिमी
  3. अर्थिंग तार 8 SWG G.I. तार
  4. फनल
  5. G.I. पाइप
  6. नमक चारकोल
  7. नट-बोल्ट
  8. कास्ट आयरन ढ़क्कन

What is earthing in electricity

अर्थिंग या भू-संयोजन की यह विधि नमी वाले स्थानों के लिए अधिक उपयोगी होते हैं | इस संयोजन में लगभग 90 सेंमी 90 सेंमी आकार का गड्ढा भूतल से 1.5 से 3 मीटर गहराई तक (नमी प्राप्त होने के स्थान तक खोदा  जाता है | इस गड्ढे में भू-संयोजन प्लेट को उर्ध्व(Vertical) स्थिति में स्थापित कर उसे भू-संयोजन तार से नट-बोल्ट के द्वारा जोड़ दिया जाता है | भू-संयोजन प्लेट के चारों ओर नमक एवं चारकोल की एकांतर परतें 15 सेंटीमीटर मोटाई तक लगाई जाती है | गड्ढे में जल डालने के लिए एक पाइप लगाकर उसे मिट्टी से भर दिया जाता है और इसके चारों ओर लगभग 30 सेंमी 30 सेंमी सीमेंट बॉक्स बनाकर, कास्ट आयरन के ढक्कन से ढक दिया जाता है और यह अर्थ का उपयोग के लिए तैयार होता है |

नोट :- अधिक विद्युत धारा वाले परिपथो के लिए अर्थिंग प्लेट का आकार 90सेमी x 9सेमी तक रखा जाता है |

 पाइप  अर्थिंग (Pipe earthing)

आवश्यक सामग्री (Essential material)

  1.  अर्थिंग GI पाइप 
  2. अर्थिंग तार 
  3. नमक एवं चारकोल (लकड़ी का कोयला) 
  4. फनल
  5. GI पाइप
  6. कास्ट आयरनढक्कन 
  7. GI वॉशर तथा सॉकेट
  8. नट-बोल्ट
What is earthing in electricity

अर्थिंग या भू-संयोजन(Earthing) की यह विधि सभी प्रकार के स्थान प्रयोग में लाई जाती है | इसमें लगभग 30 सेंमी 30 से मी आकार का गड्ढा भूतल से 2.5 से 4 मीटर गहराई तक खोदा जाता है | इस गड्ढे में अर्थिंग तार को लपेटकर जी आई वासर तथा सॉकेट से कस दिया जाता है | भू संयोजन(Earthing) पाइप के चारों ओर  15 सेमी चौड़ाई में नमक के टुकड़े तथा  चारकोल की चूर्ण की परते जमा दी जाती है | गड्ढे में पानी डालने के लिए पाइप तथा फनल लगाकर गड्ढे को मिट्टी से भर दिया जाता है और फनल की चारों ओर लगभग 30 सेमी x 30 से मी x 30 से मी आकार का सीमेंट कंक्रीट बॉक्स बनाकर कास्ट आयरन के ढक्कन से ढक दिया जाता है उसके बाद यह विद्युत्  अर्थ के प्रयोग में  लाया जाता है |

 अर्थिंग या भू-संयोजन(Earthing) का उपयोग घरों की वायरिंग में , कारखानों में, कमर्शियल बिल्डिंग में बिजली के उपकरणों में किया जाता है जिससे यह उपकरणों के साथ-साथ जीव-जंतुओं तथा मनुष्य के लिए सुरक्षा प्रदान करता है |

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