मित्रों आज हम सभी हैन्ड स्क्रैपर टूल (Hand scraper) के बारे में जानेंगे कि हैन्ड स्क्रैपर टूल (Hand scraper) क्या होता हैं ? यह किस धातु का बना होता हैं ? हैन्ड स्क्रैपर टूल का उपयोग (Hand scraper uses) कहाँ पर किया जाता हैं ?
मेटल स्क्रैपर टूल (Metal scraper tool)
हैन्ड स्क्रैपर या खुरचनी (Hand scraper) का उपयोग सभी फ्लैट या घुमावदार सतहों पर मामूली त्रुटियों को खुरचकर ठीक करने के लिए किया जाता है । हैन्ड स्क्रैपर का उपयोग ज्यादातर विनिर्माण उद्योग में वर्कपीस से अनावश्यक सामग्री को हटाने के लिए किया जाता है।
खुरचनी (Scrapers) द्वारा धातु की सतह से मटेरियल को हटाने की क्रिया को स्क्रैपिंग कहा जाता हैं ।
स्क्रैपिंग का उपयोग दो फ्लैट या दो घुमावदार सतहों के बीच उच्च स्तर के फिट का उत्पादन करने के लिए किया जाता है । ऑटोमोबाइल में इसका उपयोग सिलेंडर हेड, पिस्टन हेड, क्रैंकशाफ्ट आदि पर जमा कार्बन को हटाने के लिए किया जाता है।
स्क्रैपर का मटेरियल (Material of Scraper)
स्क्रैपर प्रायः हाई कार्बन स्टील ,टूल स्टील के बने होते हैं ।
हैन्ड स्क्रैपर के प्रकार (Type of Hand Scraper)
- फ्लैट स्क्रेपर
- हुक स्क्रेपर
- आधा गोल स्क्रेपर
- बैल-नाक स्क्रेपर्स
फ्लैट खुरचनी (Flat Scraper)
बड़ी सपाट सतहों को खुरचने के लिए उपयोग किया जाता है। इसकी धार उत्तल आकृति की तरह गोल होती है।
फ्लैट स्क्रेपर्स 100 मिमी से 300 मिमी तक की लंबाई में पाए जाते हैं और इसका किनारा 81° के कोण पर एक तरफ से ग्राइंड करके बनाया जाता है।
हुक खुरचनी (Hook Scraper)
हुक स्क्रेपर का उपयोग बड़ी सपाट सतह के मध्य भाग को खुरचने के लिए किया जाता है जहां फ्लैट स्क्रैपर का उपयोग करना सुविधाजनक नहीं होता है। इसका आकार चपटे खुरचनी जैसा होता है, लेकिन इसका सिरा 90° के कोण पर मुड़ा होता है। इसलिए, जहां फ्लैट स्क्रेपर का उपयोग नहीं किया जा सकता, वहां इसका उपयोग किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग बड़ी सपाट सतहों के मध्य भाग को खुरचने के लिए भी किया जाता है। हुक स्क्रेपर (Hook Scraper)अधिकतर उपयोग अक्सर परिष्करण कार्य के लिए किया जाता है।
अर्द्ध-गोल खुरचनी (Half Round Scraper)
अर्द्ध-गोल खुरचनी (Half Round Scraper) की बनावट घुमावदार होती है। इसे बियरिंग स्क्रेपर भी कहा जाता है, क्योंकि यह बियरिंग की सतह को खुरचता है।
तीन वर्ग या त्रिकोणीय खुरचनी (Three Square Scraper)
तीन वर्ग या त्रिकोणीय खुरचनी आकार त्रिकोणीय है और इसमें तीन काटने वाले किनारे हैं इसलिए इसे त्रिकोणीय खुरचनी भी कहा जाता है।
इसका उपयोग बुश बियरिंग के किनारों को तेज करने और आंतरिक गोलाकार सतह को खुरचने के लिए किया जाता है।
बैल-नाक खुरचनी (Bull-nose Scraper)
बैल-नाक खुरचनी(Bull-nose Scraper) का आकार बैल की नाक के आकार के समान होता है, इसलिए इसे बुल-नोज़ स्क्रेपर कहा जाता है। इसका उपयोग सपाट और आधी गोल सतहों एवं बड़े बियरिंग्स को खुरचने के लिए किया जाता है।
इसका किनारा एक वृत्ताकार डिस्क में पाया जाता है, और यह वृत्त के 2/3 भाग में होता है। यह बड़े आकार के बेयरिंग को स्क्रैप करने में सहायक है।
थ्री-प्लेट विधि द्वारा वास्तविक समतल सतहों का परीक्षण (व्हिटवर्थ सिद्धांत) (Testing true flat surfaces by three-plate method (Whitworth principle))
इस विधि में तीन प्लेट X,Yऔर Z मानकर स्क्रैपिंग क्रिया हेतु लिया जाता हैं ।
स्क्रैपिंग क्रिया के दौरान प्लेटों पर उच्च बिन्दु को देखने हेतु मार्किंग मीडिया जैसे पर्शियन ब्लू या कापर सल्फेट इत्यादि का लेप लगाया जाता हैं ।
प्लेटों पर मार्किंग मीडिया जैसे पर्शियन ब्लू या कापर सल्फेट इत्यादि का लेप लगाने के पश्चात , प्लेटों को आपस में रगड़ा जाता हैं जिससे प्लेटों पर उच्च बिन्दु वाले स्थान पर चमक के साथ दिखने लगता हैं ।
प्लेटों की सतह पर चमक वाले स्थान, प्लेट के उच्च बिन्दु को प्रदर्शित करता हैं, ऐसे स्थान पर स्क्रैपर द्वारा स्क्रैपिंग क्रिया करके प्लेट से अनावश्यक धातु को हटा दिया हैं । इस क्रिया को तब तक किया जाता हैं जब तक कि प्लेट की सतह पूर्ण रूप से परिष्कृत न हो जाय ।
स्क्रैपिंग क्रिया प्लेट X और Y के साथ किया जाता हैं और बाद में प्लेट X और Z के साथ में किया जाता हैं । इस विधि के द्वारा सभी प्लेटें परिष्कृत हो जाती हैं ।
नोट :
- स्क्रैपर के एक स्ट्रोक में लगभग 15 mm की लंबाई में सतह को स्क्रैप करना चाहिए ।
- स्क्रैपर को एक बार जिस दिशा में चलाया जाय दूसरी बार उसके 90 के कोण पर चलाना चाहिए ।
- स्क्रैपर को दो प्रकार से चलाया जा सकता हैं (1)पुल टाइप (2) पुश टाइप
- पुल टाइप में स्क्रैपर को स्क्रैपर के हत्थे की दिशा में खींचकर चलाया जाता हैं जैसे : हुक स्क्रैपर, जबकि पुश टाइप में स्क्रैपर को आगे की ओर धकेलकर स्क्रैपिंग की जाती हैं जैसे : फ्लैट स्क्रैपर हाफ राउन्ड स्क्रैपर ।
स्क्रैपिंग से संबंधित सावधानियाँ
- स्क्रैपर पर तेज धार होनी चाहिए ।
- स्क्रैपिंग हल्के दाब से करना चाहिए ।
- स्क्रैपिंग की जाने वाली सतहों पर ऑइल या ग्रीस इत्यादि नहीं लगा होना चाहिए ।
- स्क्रैपिंग की जाने वाली सतहों के आवश्यकता के अनुसार स्क्रैपर का चयन करना चाहिए ।
- जिस सतह को स्क्रैप करना हो , उसे भी अच्छी तरह साफ करके रंग लगी सतह के विरुद्ध सतह पर कई बार रगड़ना चाहिए ,जब तक की सतह पर स्पष्ट उच्च बिन्दु दिखाई न देने लगे ।
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