मित्रों आज हम सभी “बेल्ट ड्राइव (Belt Drive) क्या होता हैं ?” के बारे में जानेंगे ।
What is Belt Drive ?
बेल्ट ड्राइव (Belt Drive)
बेल्ट ड्राइव (Belt Drive) एक यांत्रिक प्रणाली है जो शक्ति(Power) और गति(Speed) को एक शाफ्ट (shaft) से दूसरे शाफ्ट तक स्थानांतरित करने के लिए उपयोग की जाती है। बेल्ट ड्राइव आमतौर पर मोटर, इंजन, या किसी अन्य यांत्रिक उपकरण में देखा जा सकता है। यह प्रणाली मुख्य रूप से दो मुख्य घटकों से बनी होती है: बेल्ट और पुली
बेल्ट (Belt):
यह एक लचीला तत्व है, जो आमतौर पर रबर, लेदर, या सिंथेटिक सामग्री से बना होता है।
बेल्ट के प्रकार (Types of belts)
- फ्लैट बेल्ट
- वी बेल्ट एवं मल्टीपल वी बेल्ट
- धारीदार बेल्ट
- दांतेदार बेल्ट
- लिंक बेल्ट
नोट : किसी विशिष्ट बेल्ट का चयन , बेल्ट की चाल अनुपात, केंद्र दूरी, लचीलापन , मजबूती खर्च अनुरक्षण पर निर्भर करता हैं ।
पुली (Pulley):
यह बेल्ट को सहारा देती है और घुमाव के माध्यम से शक्ति का संचरण करती है। आमतौर फ्लैट एवं वी बेल्ट का प्रयोग किया जाता हैं ।
बेल्ट ड्राइव के प्रकार (Types of belt drives):
बेल्ट ड्राइव निम्न लिखित प्रकार (Types of belt drives) के होते हैं ।
ओपन बेल्ट ड्राइव (Open Belt Drive):
ओपन बेल्ट ड्राइव में दोनों पुली समान दिशा में घूमती हैं। इसे सामान्यत: तब उपयोग किया जाता है जब शाफ्ट समानांतर हों।
क्रॉस बेल्ट ड्राइव (Cross Belt Drive):
क्रॉस बेल्ट ड्राइव में पुलियों को विपरीत दिशा में घुमाया जाता है, जिससे बेल्ट को क्रॉस करके लगाया जाता है।
स्टेप्ड या कॉम्पाउंड बेल्ट ड्राइव (Stepped/Compound Belt Drive):
स्टेप्ड या कॉम्पाउंड बेल्ट ड्राइव इसे तब उपयोग किया जाता है जब एक ही समय में विभिन्न गति और शक्ति की आवश्यकता हो।
जब मशीन के स्पिण्डल को अलग-अलग स्पीड पर चलाना हो तो वहाँ पर स्टेप्ड कोन पुल्ली का प्रयोग किया जाता है। इस पुल्ली में 3 या 4 स्टेप्स होते है। पुल्ली एक दूसरे के विपरीत फिट होती है। पुल्ली में जितने स्टेप्स होते है, उतनी ही स्पीड प्राप्त की जा सकती हैं। यह ओपन वेल्ट ड्राइब की तरह ही होता है।
समकोण बेल्ट ड्राइव (Right angled drive)
समकोण बेल्ट ड्राइव विधि में दो पुल्लियों को समकोण पर या किसी विशेष कोण पर चलाया जाता है। इसमें एक शॉफ्ट होरीजोन्टली स्थिति में तथा दूसरी शाफ्ट बोर्टकल स्थिति में होती है।
बेल्ट ड्राइव के लाभ (Benefits of belt drive):
बेल्ट ड्राइव के लाभ (Benefits of belt drive) निम्नवत हैं :-
- शॉक और वाइब्रेशन को अवशोषित करता है।
- सरल संरचना और सस्ता निर्माण।
- उपयोग और रखरखाव में आसान।
- ज्यादा दूरी के लिए शक्ति का स्थानांतरण कर सकता है।
बेल्ट ड्राइव के नुकसान (Disadvantages of belt drive):
बेल्ट ड्राइव के नुकसान (Disadvantages of belt drive) निम्नवत हैं :-
- बेल्ट का फिसलना (Slippage) होता है।
- नियमित रखरखाव की आवश्यकता।
- अत्यधिक खिंचाव से कार्यक्षमता में कमी।
- उच्च तापमान और भारी भार के लिए उपयुक्त नहीं।
बेल्ट ड्राइव का उपयोग (Uses of Belt Drive):
बेल्ट ड्राइव का उपयोग कई उद्योगों और मशीनों में किया जाता है, जैसे:
- आटा चक्की मशीन में
- ऑइल मिल मशीन में
- ऑटोमोबाइल में फैन बेल्ट
- फैक्ट्री में स्थित मशीनों के संचालन में इत्यादि
बेल्ट का क्रीप व स्लिप (Creep and slip of belt)
पुल्ली पर जब बेल्ट घूमता है तो वह ड्राइविंग पुल्ली के सम्पर्क स्थान पर खींचने तथा ड्रिवन पुल्ली पर छोटा होने का प्रयत्न करता है। वेल्ट की यह स्थानीकृत, मूवमेंट, इलास्टिक स्ट्रेच (खींचना) का सीधा परिणाम है, जिसे बेल्ट का क्रीप कहते है। जैसे जैसे वेल्ट पर लोड अधिक होगा तो क्रीप भी अधिक होगी। चित्र द्वारा क्रीप के कारण वेल्ट की स्थिति बताई गई है।
पुल्ली तथा बेल्ट के मध्य होने वाली सरफेस स्पीड का वास्तविक अंतर स्लिप कहलाता है। स्लिप का प्रभाव, पुल्ली के अनुपात को कम करके तथा उचित अलाइमेंट वनाए रखकर, कम किया जा सकता है। स्लिप तथा क्रीप संयुक्त रूप के कारण शक्ति हास होता है।
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