गोल्डन ऑवर (Golden hours) क्या हैं ?

मित्रों आज हम सभी गोल्डन ऑवर (Golden hours) के बारे में जानेंगे कि गोल्डन ऑवर (Golden hours) क्या होता हैं ?

गोल्डन ऑवर (Golden hours)

दुनिया में प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाओं की सूचना मिलती रहती है, जिसमें लोग दुर्घटना शिकार हो जाते है। कुछ लोग बच जाते हैं तो कुछ की मौत हो जाती है। लेकिन इस जीवन और मृत्यु के संघर्ष में सुनहरे घंटे या गोल्डन ऑवर (Golden hours) का महत्वपूर्ण योगदान होता हैं। क्या आप जानते हैं जो भी व्यक्ति दुर्घटना का शिकार होता हैं उसके लिए ये समय (गोल्डन ऑवर या Golden hours) बहुत ही किमती होता है। आज हम आपको इसी सुनहरे घंटे (गोल्डन ऑवर) के बारें में कुछ महतपूर्ण बातें बताने जा रहे है।

यदि आप सड़क पर कहीं जा रहे हैं और आपके सामने की कोई दुर्घटना हो जाए तो आपको उसकी जरुर अपनी ओर से हर संभव सहायता करनी चाहिए जिससे पीड़ित व्यक्ति को जीवन दोबारा मिल जाए।

गोल्डन ऑवर (Golden hours)

भारत के अस्पतालों में खतरनाक चिकित्सा समस्याओं जैसे सिर की चोट, बहुआयामी हादसा, दिल का दौरा, स्ट्रोक आदि के लिए बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध हैं , परंतु मरीज़ को समय के अभाव में इससे फायदा नहीं हो पाता हैं क्योंकि पीड़ित व्यक्ति को समय पर उस तकनीक तक पहुंच नहीं मिल पाती हैं। इन परिस्थितियों से व्यक्ति के मरने का जोखिम दुर्घटना के होने बाद, प्रथम 30 मिनट में सबसे अधिक होता है, इस काल को स्वर्णिम काल या गोल्डन ऑवर (Golden Hours) कहा जाता है। जब तक मरीज अस्पतालों में पहुंचते हैं, तब तक वे उस महत्वपूर्ण अवधि को पार कर चुके होते हैं। प्राथमिक चिकित्सा देखभाल जीवन बचाने में काम आती है। यह सुरक्षित संचालन और परिवहन के माध्यम से जितनी जल्दी हो सके निकटतम आपातकालीन कक्ष तक पहुंचने में मदद करता है। वह समय जितना कम होगा, सर्वोत्तम उपचार लागू होने की संभावना उतनी ही अधिक होगी।

गोल्डन ऑवर (Golden hours) क्या हैं ?

अगर हादसा होने के बाद अगले एक घंटे के अंदर मरीज को इलाज नहीं मिलता तो उसके बचने के अवसर  बहुत कम हो जाता हैं।  इस समय काफी उम्मीद की जाती है। दुर्घटना के बाद के पहले आधे घंटे (30 मिनट) को ही गोल्डन ऑवर कहा जाता है। स्रोत : भारत स्किल

 गोल्डन ऑवर की आवश्यकता

जब किसी की दुर्घटना हो जाती हैं तो उसके शरीर से अधिक मात्रा में खून बह जाता हैं । व्यक्ति का जीवन बचाने के लिए उस खून को रोकना बहुत ही आवश्यक होता हैं। ऐसी स्थिति में हार्ट अटैक आने की संभावना भी अधिक होती है। इस स्थिति में ये गोल्डन ऑवर काफी महत्वपूर्ण होता है और यह उस व्यक्ति के लिए उतना  ही कीमती होता है।

प्रश्न : किस अवधि को स्वर्णिम घंटे कहा जाता है (what is the period referred as golden hours)? उत्तर: दुर्घटना के बाद के पहले आधे घंटे (30 मिनट) को ही स्वर्णिम घंटे या गोल्डन ऑवर (Golden hours) कहा जाता है।

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