What is Honing operation ? | होनिंग संक्रिया क्या हैं ?

मित्रों आज हम सभी होनिंग संक्रिया क्या हैं? होनिंग संक्रिया (Honing operation) का कार्य सिद्धांत, होनिंग की विधियां इत्यादि के बारे में जानेंगे ।

होनिंग संक्रिया (Honing operation)

होनिंग संक्रिया (Honing operation) एक सुपर फिनिशिंग विधि है, जो धात्विक व अधात्विक सतहों में से स्टॉक को हटाने के लिए अपघर्षी पदार्थों के उपयोग से की जाती है। इस विधि द्वारा उच्च सतह फिनिश बेलनाकार सतहों के प्रोफाइल को सुधारती है और सतह को अत्यधिक परिष्कृत करती हैं ।

होनिंग संक्रिया का कार्य सिद्धांत (Working principle of Honing operation)

होनिंग टूल को अपघर्षी के साथ लगाकर मशीन स्पिण्डल में पकड़ा जाता है, जिसे उसकी अक्ष पर घुमाया जा सकता है।

What is Honing operation ? | होनिंग संक्रिया क्या हैं ?
Honing operation

जैसे-जैसे स्पिन्डल घुमता है वैसे-वैसे होनिंग टूल को प्रत्यागामी (आगे-पीछे की ओर) गति भी दी जाती है। इस प्रक्रिया में तैयार सतह पर क्रॉस हेच्ड पैटर्न बनता हैं । सरफेस टेक्सचर का यह पैटर्न सिलिड्रीकल बोर में अधिक स्नेहन प्रदान करती है।

होनिंग का अनुप्रयोग (Application of Honing)

होनिंग संक्रिया, लौह तथा अलौह पदाथों में बोर का फिनिशिंग के लिए उपयोग की जाती है। होनिंग कठोरीकृत या अकठोरीकृत की हुई स्थिति में की जा सकती है। होनिंग संक्रिया किसी भी साईज, लम्बाई, अंधे या आर-पार अवरोधित छिद्रों को भी होनिंग किया जा सकता है।

ड्रिलिंग या अन्य मशीन जिसमें एक साथ घुमाऊ गति स्पिण्डल से तथा प्रत्यागामी गति हो, में होनिंग की जा सकती है। उपयोग की गई मशीन के प्रकार पर निर्भर करते हुए घुमाऊ गति स्पिण्डल से तथा प्रत्यागामी गति या तो हाथ से या शक्ति से दिया जा सकता है।

होनिंग की विधियां (Methods of honing)

  • मैनुअल स्ट्रोकिंग
  • पावर स्ट्रोकिंग

मैनुअल स्ट्रोकिंग

  • जब टॉलरेन्स अत्यधिक निकट हो, तो मैनुअल स्ट्रोकिंग को प्राथमिकता दी जाती है।
  • संक्रिया में लचीलापन होने के कारण कई ऑपरेटर इस संक्रिया को अधिक प्राथमिकता देते है।
  • यह कार्य को पकड़ने के लिए खर्चीले फिक्सचरों के उपयोग को कम करता है।
  • जॉब को शीघ्रता से एक प्रकार से दूसरे प्रकार में बदला जा सकता है।
  • शुद्ध होनिंग तथा सुधार के लिए जॉब को सिरे से सिरे तक उल्टा किया जा सकता है। अलग-अलग कार्य की वास्तविक आवश्यकतानुसार स्ट्रोक की लम्बाई को बदला जा सकता है।

पावर स्ट्रोकिंग

शक्ति स्ट्रीकिंग सभी प्रकार के कार्यखण्डों की होनिंग के लिए उपयोग की जाती है। पॉवर स्ट्रीकिंग विशेषतः छोटे पार्ट्स के मामले में कम खर्चीली सिद्ध हो सकती है।

What is Honing operation ? | होनिंग संक्रिया क्या हैं ?
पावर स्ट्रोक होनिंग टूल
What is Honing operation ? | होनिंग संक्रिया क्या हैं ?
Honing Operation

मैनुअल स्ट्रोकिंग के लिए उपयोग होने वाले टूल्स कार्य के पदार्थ के सापेक्ष घिसावरोधी पदार्थ के बने एक जोड़े शू (pair of shoes) होते है। पच्चर (wedge), एब्रेसिव स्टोन की फीडिंग को नियंत्रित करता है और शू कार्य में टूल को स्थिर तथा गाइड करता है।

पावर स्ट्रोक टूल में टूल की पूरी परिधि के चारों तरफ समान दूरी पर एब्रेसिव स्टोन होते है। टूल्स सामान्यतः डबल युनिवर्सल ज्वाइण्ट के साथ स्वतः संरेखित प्रकार के होते हैं।

होनिंग स्टोन (Honing stones)

होनिंग स्टोन में एल्यूमीनियम ऑक्साइड, सिलिकॉन कार्बाइड या हीरा के कणों को विट्रीफाइड क्ले, कॉर्क, कार्बन धातु से एक साथ बांधे हुए होते है। होनिंग स्टोन में खुली संरचना होती है तथा यह चिप्स निकालने में मदद करता है।

उपयोग किये जाने वाले अपघर्षों की ग्रिट साईज 36 से 600 की सीमा में होती है, किन्तु सामान्यतः उपयोग होने वाले साईज 120 से 320 है।

विभिन्न अपघषों के उपयोग (Uses of different abrasives)

अपघर्षक पदार्थ

धातुए

एल्युमीनियम ऑक्साइड

स्टील

सिलिकॉन कार्बाइड

ढलवा लोहा तथा अलौह धातुएं

हीरा

टंगस्टन, सिरेमिक्स इत्यादि।

होनिंग संक्रिया में कर्तन द्रव का उपयोग (Cutting fluids in Honing Operation)

होनिंग संक्रिया करते समय कर्तन द्रव उपयोग किया जाता है। होनिंग के लिए उपयोग होने से पूर्व मशीनिंग ऑपरेशन में सामान्यतः उपयोग होने वाले खनिज तेल को एक भाग तेल के साथ चार भाग मिट्टी का तेल के अनुपात में मिलाकर प्रयोग किया जाता है।

नोट :- होनिंग संक्रिया के द्वारा जॉब या कार्यखण्ड को अत्यधिक परिशुद्ध माप एवं सुपर स्मूथ सतह बनाया जाता हैं । यह प्रक्रिया अन्य सतह फिनिशिंग प्रक्रियाओं से बेहतर होती हैं ।

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