व्यवसाय प्रशिक्षण के मूल तत्व | ELEMENT OF VOCATIONAL TRAINING

मित्रों आज हम सभी व्यवसाय प्रशिक्षण के मूल तत्व (ELEMENT OF VOCATIONAL TRAINING) क्या होते हैं ?, के बारे में जानेंगे ।

व्यवसाय प्रशिक्षण के मूल तत्व (ELEMENT OF VOCATIONAL TRAINING)

व्यवसाय प्रशिक्षण के मूल तत्व ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण से मिल कर बने होते हैं । इन्हीं तत्वों की सहायता से व्यवसाय प्रशिक्षण पूर्ण किया जाता हैं । व्यवसाय प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को व्यवसाय से संबंधित ज्ञान ,प्रायोगिक कौशल एवं एक सकारात्मक दृष्टिकोण होना अतिआवश्यक होता हैं । इन तत्वों के बिना व्यवसाय प्रशिक्षण प्राप्त करना संभव नहीं हैं ।

    व्यवसाय प्रशिक्षण के मूल तत्व निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं ।

    1. ज्ञान या जानकारी (Knowledge)
    2. कौशल (Skill)
    3. दृष्टिकोण (Attitude)
    व्यवसाय प्रशिक्षण के मूल तत्व | ELEMENT OF VOCATIONAL TRAINING

    जानकारी (KNOWLEDGE) –

    प्रशिक्षुओं को व्यवसाय के बारे में पूरी जानकारी होना आवश्यक है, क्योंकि व्यवसाय की समग्र तथा सबंधित जानकारी होने से ही व्यक्ति अपनी क्षमता बढ़ा सकता है। उस व्यवसाय के अंतर्गत कुछ संशोधन तथा आविष्कार करना, विषय की जानकारी होने से ही संभव होता है।

    कौशल (SKILL) –

    कौशल का अर्थ है- कार्य कुशलता या निपुणता । इसमें व्यक्ति के कार्य करने की दक्षता या क्षमता अलग-अलग होती है। किसी भी कार्य को ज्यादा से ज्यादा दक्षता और निपुणता के साथ तथा कम से कम समय और बिना नुकसान से पूरा करने को कौशल कहते है।

    दृष्टिकोण (ATTITUDE) –

    व्यवसाय प्रशिक्षण का तीसरा मूल तत्व है। प्रशिक्षणार्थी का दृष्टिकोण बढ़ाना। जब तक कार्य सीखने के प्रति लगन नही है, सीखने की इच्छा नहीं है तब तक सीखना समव नही है। सीखने की प्रणाली में मनोविज्ञान का विचार किया जाता है। विद्यार्थी मानसिक रूप से तैयार होना चाहिए प्रशिक्षण के दौरान स्वय निष्कर्ष निकालने, औजारो का उचित चयन तथा सावधानी पूर्वक कार्य करने की आदत आदि बातो की अच्छी आदत लगाना दृष्टिकोण बढ़ाना कहते है।

    दक्षता (SKILL)-

    किसी कार्य को दिये गये समय में पूरी शुद्धता तथा कार्यकुशलता के साथ करना दक्षता (Skill) कहलाता है।

    दक्षता के तत्व (ELEMENT OF SKILL)-

    दक्षता का मूल्यांकन करने के लिए मुख्य बिन्दु निश्चित किये गये है जो इस प्रकार से निम्नवत है-

    1. शुद्धता (Accuracy)
    2. समय (Time)
    3. कार्य-कुशलता (Workmanship)

    शुद्धता (ACCURACY) –

    किसी कार्य को माप के अनुसार शुद्धता के साथ शत् प्रतिशत पूर्ण करना ही शुद्धता कहलाता है। किसी भी कार्य को करने में सामग्री को सुव्यवस्थित ढंग से लगाना शुद्धता (Accuracy) कहलाती है।

    समय (TIME) –

    समय कार्य कुशलता का मुख्य अग है। इसलिए कार्य कुशलता की परिभाषा में समय शब्द का बड़ा ही महत्व दिया गया है। यदि कोई कार्य समय के अन्दर पूरा नहीं होता तो उसे महत्वहीन गाना जाता है। इसलिए समय का सदउपयोग करना किसी कार्य के लिए अतिआवश्यक है।

    कार्य-कुशलता (WORKMANSHIP) –

    कार्य-कुशलता (WORKMANSHIP) उसे कहते है, जिसमे उपकरणों, यन्त्री, सामग्रियों का उचित उपयोग तथा कम खर्च के साथ सावधानीपूर्वक कार्य किया गया है। उचित समय पर सही औजार का चयन तथा औजारों को प्रयोग करने का तरीका भी कार्य कुशलता के अंतर्गत आता है।

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