आज हम सभी भारत का कौशल विकास कार्यक्रम (Skill Development programs in India) के बारे में जानेंगे ?
Skill Development Programs in India
भारत का कौशल विकास कार्यक्रम (Skill Development programs in India) के अंतर्गत सभी उद्योगों एवं कारखानों में कुशल कारीगर का होना अत्यंत आवश्यक होता है | इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने कुशल कारीगर बनाने के लिए प्रशिक्षण योजनाओं को आरंभ कराया | इसकी आवश्यकता द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान पड़ी जब युद्ध से सम्बंधित साजो सामान, अस्त्र-शस्त्रों के निर्माण में कुशल कारीगरों की भारी कमी का एहसास हुआ | इसके लिए सरकार ने वार टेक्नीशियन सेंटर खोलने का प्रारंभ किया | वार टेक्नीशियन स्कीम को 1941 में खोला गया | DGE&T के अंतर्गत यह प्रशिक्षण भारत के सभी राज्यों में प्रारंभ किए गए |
ट्रेनिंग का उद्देश्य (Aim of training)
- विभिन्न व्यवसायों के लिए कारीगर कुशल को तैयार करना |
- सभी को रोजगार के अवसर प्रदान करते हुए देश में फैली हुई बेरोजगारी को दूर करना |
- कारीगरों को योजनाबद्ध तरीके से प्रशिक्षण देकर विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों की मांग को समय-समय पर पूर्ण करना इत्यादि |
Vocational Training Scheme in India / Skill Development programs in India
- War Technician Scheme – 1941
- Training Scheme for Ex-servicemen –1945
- Training Scheme For Craftsman – 1948
- Craftsmen Training Scheme – 1950
- Evening class for industrial workers – 1958
- National Apprenticeship Scheme – 1959
- Apprenticeship act (pass by parliament ) – 1961
- Central staff training and Research Institute ATI Madras – 1968
- Progressive trade test scheme – 1970
- Foreman training institute Bangalore – 1972
- A.T.I. for electronic and process instrumentation Hyderabad – 1973
- A.V.T. Scheme N.V.T.I. for Women New Delhi – 1977
- Centre for Excellence (C.O.E.) – 2004
- Modular Employable Scheme (MES) – 2008