मित्रोँ आज हम सभी जानेंगे कि सूक्ष्म शिक्षण (Micro Teaching) क्या है ?
सूक्ष्म शिक्षण (Micro Teaching)
माइक्रो टीचिंग (Micro Teaching) स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रॉबर्ट बुश और ड्वाइट एलन द्वारा बनायीं गयी एक नवप्रवर्तित अवधारणा है | सूक्ष्म शिक्षण (Micro Teaching) को अभ्यास शिक्षण भी कहा जाता है | सूक्ष्म शिक्षण में किसी पाठ का छोटा भाग या अंश को अभ्यास के लिए लिया जाता है | इसमें कम समय में अपने सहपाठियों तथा शिक्षक के सम्मुख शिक्षण का अभ्यास किया जाता है तथा उनके द्वारा बताई गई अपनी कमियों का पता लगाकर पुनः अभ्यास किया जाता है |
सूक्ष्म शिक्षण के क्रम
सूक्ष्म शिक्षण (Micro Teaching) के क्रम निम्नलिखित होते हैं |
- Plan
- Teach
- Feedback
- Re-plan
- Re-teach
- Re-feedback
सूक्ष्म शिक्षण या माइक्रो टीचिंग में उपयोग होने वाले उपकरण :
- ब्लैक एंड व्हाइट बोर्ड
- टीवी / कंप्यूटर
- वीडियो रिकॉर्डर
- कैमरा
- पिन बोर्ड
- मार्कर और डस्टर इत्यादि |
क्षण के कुछ तथ्य (Some facts of Micro Teaching)
सूक्ष्म शिक्षण की अवधारणा
सूक्ष्म शिक्षण या माइक्रो-टीचिंग एक विशेष शिक्षण अभ्यास मॉडल या शिक्षण प्रशिक्षण विधि है। इस शिक्षण संदर्भ में, वहाँ विधियों का उपयोग जैसे मीडिया, लर्निंग गाइड, मोटिवेशन, क्लासरूम प्रबंधन, मूल्यांकन, विश्लेषण जैसी कई क्रियाएं शामिल होती है |
सूक्ष्म शिक्षण अभ्यास मूल्यांकन
अपने सूक्ष्म शिक्षण पाठ का प्रदर्शन करते हुए प्रशिक्षक / प्रशिक्षु (trainee) का आकलन करने के लिए निम्नलिखित फॉर्म का उपयोग किया जाता है:
Name :______________________________
(छात्र के प्रदर्शन का मूल्यांकन उनके प्रदर्शन के अनुसार टेबल 1 से 5 तक मानदंड के आधार पर करते है ।)
1 – poor / need improvement
2 – below average
3 – average
4 – good
5 – outstanding
नोट :–
- प्रत्येक प्रशिक्षु अपने ट्रेड विषय से संबंधित एक उद्देश्य का चयन करके 10मिनट की अवधि के लिए सूक्ष्म शिक्षण आयोजित करेगा।
- सूक्ष्म शिक्षण आयोजित करने की योजना/तैयारी करें।
- सूक्ष्म शिक्षण का संचालन प्रस्तुति के लिए समय 10 मिनट होना चाहिए |
- प्रतिभागियों से आलोचनाए को प्राप्त करें।
- पुन: योजना – तैयार कर उसकी प्रस्तुति करना ।
- सभी से फ़ीडबैक प्राप्त करें।