ऑक्सी एसिटिलीन फ्लेम के मुख्य भाग (Main Parts of Oxy Acetylene Flame)
ऑक्सी एसीटिलीन गैस वैल्डिंग (Oxy Acetylene gas welding)
ऑक्सी-एसीटिलीन गैस वैल्डिंग (Oxy Acetylene gas welding) अधिकतर उपयोग में लायी जाने वाली गैस वैल्डिंग विधि हैं | इस विधि में ज्वलनशील गैसों जैसे :- C2H2 और O2 का मिश्रण ब्लो पाइप में से प्रवाहित कर उसकी नोंक पर चिंगारी से लौ उत्पन्न की जाती हैं | इस लौ का तापमान (लगभग 3300 °C) बहुत अधिक हो जाता हैं, जिससे धातु को आसानी से पिघलाकर जोड़ा जा सकता हैं | गैसों के ऑक्सीकरण होने के कारण फ्लैम का तापमान अत्यधिक हो जाता हैं | एसीटिलीन गैस के साथ ऑक्सीजन मिलाने से लौ पिघली हुई धातु पर एक निष्क्रिय गैस आवरण बनाती हैं, जिसमें मुख्य रूप से जल और आक्साइड होता हैं | यह आवरण जोड़ी जाने वाली धातु को ढककर, उसे ऑक्सीकरण होने से बचाती हैं | इसी प्रक्रिया को ही ऑक्सी-एसीटिलीन गैस वैल्डिंग (Oxyacetylene gas welding) कहा जाता हैं |
ऑक्सी-एसिटिलीन फ्लेम(oxy Acetylene Flame) के निम्नलिखित तीन भाग होते हैं ।
- भीतरी कोन (Inner Luminous Cone)
- मध्य भाग (Intermediate or Reducing Zone)
- बाहरी भाग(Outer Envelope)
ऑक्सी-एसिटिलीन फ्लेम में बनने वाली तीनों क्षेत्रों का तापमान भिन्न-भिन्न होता है ।
भीतरी कोन (Inner Luminous Cone)
ऑक्सी-एसिटिलीन फ्लेम के इस भाग का तापमान 2760 °C से 3480°C तक होता है । यह वह भाग हैं जहाँ पर दोनों गैस (ऑक्सीजन और एसिटिलीन ) का मिश्रण ब्लो पाइप की टिप से बाहर आता है | ऑक्सी-एसिटिलीन फ्लेम के इस भाग का रंग चमकीला सफेद और कोन साइज भी बहुत कम होता है | फ्लेम के इस भाग में सबसे अधिक तापमान पाया जाता है | फ्लेम के इस भाग का तापमान अधिक (2760°C से 3480°C) होने के कारण इसे ब्रिलियंट कम्बस्चन जोन (Brilliant Combustion Zone) भी कहा जाता है |
मध्य भाग (Intermediate or Reducing Zone)
यह ऑक्सी एसिटिलीन का मध्य भाग होता हैं । फ्लेम के मध्य भाग का तापमान 2090°C तक होता है।
बाहरी भाग (Outer Envelope)
यह ऑक्सी एसिटिलीन फ्लेम का बाहरी भाग होता है। यह भाग वायु से ऑक्सीजन को ग्रहण करके अपनी ज्वलन प्रक्रिया पूर्ण करता है | फ्लेम के इस भाग का तापमान 1260°C से 2100°C तक होता है ।
Also read>>>